कुलदेवी स्तोत्रम् | Kuldevi Stotram | कुलदेवी को प्रसन्न करने हेतु नित्य एक बार अवश्य सुनें #kuldevi @Mere Krishna <br /><br />कुलदेवता या कुलदेवी का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। इनकी पूजा आदिकाल से चलती आ रही है इनके आशिर्वाद के बिना कोई भी शुभ कार्य नही होता है यही वो देव या देवी है जो कुल की रक्षा के लिए हमेशा सुरक्षा घेरा बनाये रखती है। <br /><br />#kuldevi #kuldevimata #कुलदेवी #कुलदेवी_माता <br /><br />कुलदेवी स्त्रोत्रम्<br /><br />ॐ नमस्ते श्री शिवाय कुलाराध्या कुलेश्वरी।<br />कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।१।।<br /><br />वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।<br />वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।२।। <br /><br />आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।<br />विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम् शरणागत:।।३।।<br /><br />त्रैलोक्य ह्रदयं शोभे देवी त्वं परमेश्वरी।<br />भक्तानुग्रह कारिणी कुलदेवी नमोस्तुते।।४।।<br /><br />महादेव प्रियंकरी बालानां हितकारिणी।<br />कुलवृद्धि करी माता त्राहिमाम् शरणागतम्।।५।।<br /><br />चिदग्निमण्डल संभुता राज्य वैभव कारिणी।<br />प्रकटीतां सुरेशानी वन्दे त्वां "कुल गौरवाम्"।।६।।<br /><br />त्वदीये कुले जात: त्वामेव शरणम गत:।<br />त्वत वत्सलोहं आद्ये त्वं रक्ष रक्षाधुना।।७।।<br /><br />पुत्रं देहि धनं देहि साम्राज्यं प्रदेहि मे।<br />सर्वदास्माकं कुले भूयात मंगलानु शाशनम ।।८।। <br /><br />कुलाष्टकमिदं पुण्यं नित्यं य: सुकृति पठेत।<br />तस्य वृद्धि कुले जात: प्रसन्ना कुलेश्वरी।।९।।<br /><br />कुलदेवी स्त्रोत्मिदम, सूपुण्यं ललितं तथा |<br />अर्पयामी भवत भक्त्या, त्राहिमां शिव गेहिनी ||१०।।<br />